दिल्ली : केंद्र सरकार ने छह गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी योगदान पंजीकरण अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण को रद्द करने के साथ, ये एनजीओ अब विदेशी योगदान प्राप्त नहीं कर पाएंगे और न ही मौजूदा उपलब्ध धन का उपयोग कर पाएंगे। संगठनों (एनजीओ) पर कथित तौर पर एफसीआरए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप है। ईटी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने दस्तावेजों की जांच के बाद एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि छह गैर सरकारी संगठनों दिल्ली डायोसीज ओवरसीज ग्रांट फंड, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ (आईईजी), सैमुअल फाउंडेशन चैरिटेबल इंडिया ट्रस्ट, डायोसेसन सोसाइटी चर्च ऑफ नॉर्थ, जीसस एंड मैरी दिल्ली एजुकेशनल सोसाइटी और हीमोफिलिया फेडरेशन को केंद्र की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इससे पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए कम से कम पांच गैर सरकारी संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया था।
जिन एनजीओ का पंजीकरण रद्द किया गया है उनमें सीएनआई सिनोडिकल बोर्ड ऑफ सोशल सर्विस, वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडो-ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी, चर्च ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन और इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर उन कार्यों के लिए धन का उपयोग करने के लिए गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं थे।