Trending

IAS Coaching

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एवं MKSS के स्थापना दिवस पर भीम के पाटियां में मेला संपन्न

हमें संगठित और जागरूक होकर सरकारों से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए- अरुणा रॉय

इस इलाके से सूचना का अधिकार, नरेगा, राशन और पेंशन के हक़ जैसे कानून पास हुए- निखिल डे

800 रुपये न्यूतम मजदूरी किये जाने के लिए करेंगे संघर्ष- बालूलाल

राज नेता कठपुतली है, दिखावा है इनके पीछे सेठ लोग है- नौजी देवी*

भीम नगरपालिका को बनायेंगे देश में मॉडल*

मेले में विभिन्न प्रस्ताव हुए पास*

भीम, 01 मई 2024

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एवं मजदूर किसान शक्ति संगठन के स्थापना दिवस के अवसर पर भीम के पाटियां के चौड़ा में मजदूर मेला आयोजित किया गया. यह मेला पिछले 34 वर्षों से भर रहा है क्योंकि इसी दिन 01 मई 1990 को मजदूर किसान शक्ति संगठन की स्थापना हुई थी.

भीम के बाज़ारों में निकली रैली

राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन एवं मजदूर किसान शक्ति संगठन की ओर से भीम शहर के 3 स्थानों से मजदूर दिवस पर रैली का आयोजन किया गया. पहली रैली बलाई कूड़ा से होते हुए सूजाजी का चौक पर पहुंची जहाँ पर बदनोर चौराहे से एवं बस स्टैंड से भी रैली पहुंची फिर एक रैली हो गई. इस रैली में हजारों की संख्या में भाग लिया. आज यह रैली ऐतिहासिक रैली रही जिसमें मजदूरों ने दुनिया के मजदूर एक हो के नारे लगाये तथा मजदूर एकता जिंदाबाद के भी नारे लगाये गए.

मजदूर दिवस के इतिहास पर हुई चर्चा

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के इतिहास पर चर्चा हुई जिसमें मजदूर किसान शक्ति के संस्थापक निखिल डे ने बताया कि अमेरिका के शिकागो में मजदूरों ने आज ही के दिन हड़ताल की और उसमें 7 मजदूर साथियों की गोली लगने से मौत हो गई उसके बाद वहां पर 8 घंटे का समय तय किया गया.

सरकार से की जवाबदेही की मांग

प्रसिद्द सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं कई आन्दोलनों का नेतृत्वकर्ता अरुणा रॉय रॉय ने कहा कि गरीब और कामकाजी वर्गों को जागरूक होना चाहिए, एकजुट होना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए अपनी आवाज को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जागरूक होकर सरकार से जवाबदेही मांगेंगे तो ये व्यवस्था सुधरेगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को संगठित होकर अपनी लड़ाई और मजबूती से लड़नी चाहिए.

इस इलाके के लोगों के संघर्ष से अधिकार आधारित क़ानून बने
निखिल डे कहा कि यहाँ के लोगों ने लड़कर सूचना का अधिकार, नरेगा, राशन और पेंशन जैसे कानून हासिल किये हैं और जिनके क्रियान्वयन पर यूनियन और संगठन मिलकर लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहीं के आसपास के दलित युवाओं ने जानकारी, सुनवाई, कार्रवाई, भागीदारी और सुरक्षा जैसे उपायों की मांग की और उसे जनता के सामने रखा.

न्यूनतम मजदूरी के लिए संघर्ष का हुआ ऐलान
राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन के सचिव बालूलाल ने मेले में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज मंहगाई इतनी बढ़ गई है और मजदूरी पिछले कुछ वर्षों में बहुत ही कम या ना के बराबर बढ़ी है. सरकार को बढ़ी मंहगाई नहीं दिखती है. आज मेले में उन्होंने घोषणा की कि हमें न्यूनतम मजदूरी कम से कम 800 रुपये प्रतिदिन किये जाने का संघर्ष शुरू करना चाहिए. उनके इस कथन का सभी ने समर्थन किया.

फूतियाखेडा से आई नौजी देवी ने कहा कि राजनेता कठपुतली है, दिखावा है इनके पीछे सेठ लोग है!” उनका कहना है कि इन नेताओं के पीछे धनवान लोग होते हैं जो परदे के पीछे रहकर सरकार चलते हैं. उन्होंने कहा कि ये धनवान लोग सरकार के निर्णयों पर प्रभाव डालते हैं। चुनावी चंदे के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह ने कहा कि आजकल की सरकारें बिकी हुई हैं और सभी तंत्रों को खरीदने वाले पूंजीपतियों के हाथों में हैं, जो अपने लाभ के लिए देश की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था पर पूरा नियंत्रण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वासघात के बावजूद, लोगों को जागरूक और संघर्षशील रहना चाहिए ताकि वे स्वतंत्रता, न्याय और सामाजिक समानता के लिए लड़ सकें।

देश के विभिन्न हिस्सों के लोग हुए मेले में शाम
देश के कई हिस्सों से से साथी शामिल हुए जिसमें केरल, तमिलनाडु, उड़ीसा, बिहार, झारखंड, यूपी, एमपी, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों से लोग इस मजदूर मेले में आये.
आज मेले का सफल संचालन, चतर सिंह, शंकर सिंह, कमल कुमार, बालूलाल, पुष्पा चौहान, कनिका कुमारी, कविता, डाली, लक्ष्मी चौहान ने किया।

मेले के समाप्ति से पहले निम्न प्रस्ताव मुकेश निर्वासित एवं निखिल डे द्वारा लोगों के सामने रखा गया जिन्हें सर्वसम्मति से हाथ उठाकर पास किया:

1. मंहगाई लगातर बढती जा रही है लेकिन न्यूनतम मजदूरी बाद ही नहीं रही है या बहुत ही कम बढ़ी है जबकि सर्कार में बैठे कर्मचारी और नेताओं की तनख्वाहें बहुत अधिक बढ़ गईं हैं. इसलिए आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर भीम के पाटिया के चौड़े में हम यह प्रस्ताव लेते हैं कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ाये जाने हेतु संघर्ष शुरू करेंगे. हम 800 रुपये प्रतिदिन मजदूरी नहीं होने तक संघर्ष जारी रखेंगे.

जश्न ए संविधान के तहत निम्न प्रस्ताव लिए जा रहे हैं:

a. देश की केन्द्रीय जाँच एजेंसियां जिनके ऊपर दवाब डालकर गलत इस्तेमाल किया जाता है उसे रोकने और और ये बात आम जन टाक पहुंचाएंगे.

b. हर घर संविधान अभियान चलाया जायेगा जिसके तहत हर घर तक संविधान की पहुँच कैसे बने साथ ही लोग अपने अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा का लाभ कैसे लें ये सुनिश्चित किया जायेगा.

c. संवैधानिक मूल्यों समाज में पहुंचे उसके लिए हर समभाव प्रयास किये जायेंगे.

d. देश में हर प्रकार का सद्भाव बना रहे उसके लिए प्रयास किये जायेंगे जिससे लोग अमन, चैन और शांति से रह सकें.

2. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बोर्ड बने और BoCW की तर्ज पर ये कम करे ये हम राज्य सरकार से मांग करते हैं.

3. भीम नगरपालिका को देश में मॉडल (आदर्श) नगरपालिका बनाने हेतु MKSS प्रयास करेगा.

4. किसानों को संगठित करने के साथ किसानों के मुद्दों पर संघर्ष शुरू किया जायेगा.

किसान शक्ति संगठन, राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन, लोकतंत्र शाला एवं मजदूर किसान किराना व्यापर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से

anuched19bharat
Author: anuched19bharat

Leave a Comment

best news portal development company in india