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क्या मीडिया उन मुद्दों को उठाती है जो समाज के लिए सबसे जरूरी हैं?
क्या मीडिया, किसान, मजदूर और मेहनतकश वर्ग की आवाज़ बन सकती है?
हाँ, अनुच्छेद 19 भारत में हम ये मानते है की उद्योगपतियों और राजनीतिक पार्टियों की कठपुतली बन चुके मीडिया का विकल्प हो सकता है I
आज मुख्यतः सारी दुनिया में मीडिया केवल उस स्त्रोत की तरह हो गई है। जिसका काम तानाशाही हुकूमत के साथ-साथ देश के उद्योगपतियों का प्रचार प्रसार करना मात्र रह गया हैI
जिन सरकारी समाचार पत्रों और टीवी चैनलों को बहुत ही ऑथेंटिक और भरोसेमंद समझा जाता था वह सब भी तानाशाही हुकूमत के दबाव में आ गए हैं और निष्पक्ष खबरों का प्रचार प्रसार बंद कर हुकूमत की अगवानी में जुट गए हैं।

ज्यादा लाभ अर्जित करने लिए समाचारो जनहित के मुद्दों की जगह जितना संभव हो सकता है टीआरपी हासिल करने पर ध्यान दिया जा रहा है I
इसी वजह से देश के समाचार पत्र और टीवी चैनलों पर जो खबरें होनी चाहिए जैसे किसान मजदूर जवान शिक्षा स्वास्थ्य सड़क बेरोजगारी महिला सुरक्षा आदि इन सभी आमजन से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने के के स्थान पर सरकार की चाटुकारिता झूठ गुणगान में लग गए हैं।

जो भी पत्रकार असली और सही खबर दिखाने की कोशिश करता है उसके मालिक पर दबाव देकर इस पत्रकार को नौकरी से निकाल दिया जाता है और उसे दूसरे तरीके से प्रताड़ित करने का काम किया जाता है। या फिर उसे चैनल को सरकार के सहयोग से ऐसे उद्योगपति के द्वारा खरीद लिया जाता है जो सिर्फ सरकार के इशारे पर काम कर सके।

इसलिए सत्य खबर दिखाने का तो जोखिम उठाना देश की ज्यादातर समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टलों व पत्रकारों के लिए मुश्किल हो गया हैI

आज दलित अल्पसंख्यक आदिवासी किसान वह मजदूर तबके की खबर हो या ज़मीन अधिग्रहण या ग्रामीण भारत की गरीबी की , इस वर्तमान समय के मीडिया से तो सब कुछ लापता ही हो गया है I डिजिटल हुआ प्रिंट मीडिया उद्योगपति और राजनेताओं के प्रचार प्रसार के माध्यम से धन कमाने का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। आर्थिक लाभ के लालच की वजह से मीडिया इन सभी जनहित के मुद्दों से समझौता कर बैठी है I भारतीय मीडिया झूठी खबरों के माध्यम से ही ऐसा डिस्कोर्स खड़ा कर देती है जिसके कारण सभी वास्तविक और प्राथमिकता देने वाले मुद्दे पीछे रह जाते हैं।
लेकिन देश के जागरूक लोगों के लिए इन्टरनेट एक बेहतरीन और शानदार विकल्प के तौर पर मजबूत बैसाखी बनकर खड़ा हुआ है
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इन्टरनेट में मौजूद साधनों जैसे यू –टयूब, गूगल विडियो और घर घर पहुँचते ब्रॉडबैड के कारण आज हम लिखित और विसुअल मीडिया में वैकल्पिक खबर मिल पा रही है I और यह सब मुख्यधारा की मीडिया द्वारा किए गए खर्चे के मुकाबले बेहद कम खर्चे में संभव हो पा रहा है I और इसने हमे नेटवर्क का भी फायदा दिखाया है अर्थात यह बताया है कि जो काम एक अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता वो अनेक कार्यकर्ता और समूहों को इकठ्ठा कर किया जा सकता है I एक इन्टरनेट साईट वह जगह बन सकती है जहाँ हर व्यक्ति अपने विचार खुले और स्वच्छ शब्दों में व्यक्त कर सकता है I अनुच्छेद 19 भारत इन्हीं उदेश्यों के साथ स्थापित किया गया है I

मालिकों (आम नागरिकों), पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग के साथ अनुच्छेद 19 भारत हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करतो रही है I


संपादक मंडल
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न्यूज़ टीम
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ऑडियो विजुअल टीम
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