जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बेवजह धर्म के आधार पर आरक्षण का राग अलाप रहे हैं जबकि राजस्थान में जिन मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया गया है वह अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर ही दिया गया है।
राजस्थान में मुस्लिम जातियों को आरक्षण देने के मामले पर सियासत गर्मा गई है। इस मसले पर अब राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मजबूती के साथ पलटवार करते हुए कहा है कि सभी मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया गया है, जो केवल पिछड़े हुए हैं, सिर्फ उन्हीं को आरक्षण का लाभ मिला है। हर पैमाने पर इन पिछड़ों की स्थिति बहुत देनीय थी आरक्षण ही एक माध्यम है जिससे उन्हें विकास के मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है।
राजस्थान में मुस्लिम जातियों को दिए गए आरक्षण पर सियासत तेज हो गई है। मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमने सामने हो गए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कह चुके हैं कि धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उधर भजनलाल के मंत्री अविनाश गहलोत कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के बाद कांग्रेस की ओर से मुस्लिम जातियों को दिए गए आरक्षण की समीक्षा होगी। अगर गलत तरीके से आरक्षण दिया गया है तो उस गलती को सुधारा जाएगा। अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि मुस्लिम जातियों को जब भी आरक्षण दिया गया। हर बार ओबीसी आयोग की सिफारिश पर ही दिया गया। अब इसमें कुछ नहीं हो सकता।
राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत यह ऐलान कर चुके हैं कि ओबीसी की सूची में शामिल 14 मुस्लिम जातियों को दिए गए आरक्षण को रिव्यू कराया जाएगा। पिछले दिनों उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण करते हुए मुस्लिम समुदाय की अलग अलग जातियों को अलग अलग समय में आरक्षण दिया गया। वर्ष 1997 से लेकर वर्ष 2013 तक अलग-अलग समय पर 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में प्रावधान किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। धर्म के नाम पर दिया गया आरक्षण असंवैधानिक है।
जो पिछड़े हैं, उन्हें ही तो मिला है आरक्षण यह उनका हक है- अशोक गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सारे मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया गया है, जो केवल पिछड़े हुए हैं, सिर्फ उन्हीं को आरक्षण का लाभ दिया गया है। पूर्व सीएम ने कहा कि अब सरकार चाहे कुछ भी कहे, अब कुछ नहीं होगा। जो आरक्षण दिया गया है, वह अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश पर दिया गया है। मुस्लिम समाज की जो जातियां ओबीसी में आ सकती है, उन्हें ही ओबीसी में शामिल किया गया है।
मुस्लिम आरक्षण के रिव्यू करने की बात सामने आने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन ने भी विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश महासचिव काशिफ जुबैरी ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करने देंगे। अगर प्रदेश की भाजपा सरकार ने मुस्लिम जातियों को दिए गए आरक्षण पर समीक्षा करने या आरक्षण खत्म करने जैसा कोई कदम उठाया तो मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतरेगा। जुबैरी कह चुके हैं कि भाजपा सरकार मुसलमानों को जानबूझकर टारगेट करने की कोशिश कर रही है। काशिफ जुबेरी ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही है।